धर्म आध्यात्म मनुष्य के आंतरिक और वाह्य सुख के मूल हैं। धार्मिकता और आध्यात्मिकता के आवरण में भी बहुधा दंभ, पाखंड आदि दुष्प्रवृत्तियाँ प्रबल हो रही हैं। इन विषम परिस्थितियों में माँ भगवती ही हमें चरित्र रक्षण, बलबुध्दि के विकास, भेद-भाव से रहित, निराभिमान, सेवा भावना से युक्त और भक्तिभाव से ओत-प्रोत कर सकती है।
परम ज्योति मण्डल नें माँ भगवती जागरण के कई अनूठे आयोजन कर धर्म-संस्थाओं की अग्रिम पंक्ति में अपना स्थान प्राप्त किया है। इन कार्यकम्रो में आम लोगों की उल्लेखनीय भागीदारी तो रही ही, प्रायः हर क्षेत्र के शीर्षस्थ लोगों ने पधारकर कार्यकमों की गरिमा बढाई। यह आयोजन महन्त श्री परम जी "परम" के सानिध्य में संपन्न हुए।
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